मंगलवार, 6 जनवरी 2015

नशा सा हुआ...

महाभुजंगप्रयात सवैया छंद

नशा सा हुआ है तुझे देखके यूँ,
सुरापान जैसे कि मैंने किया है।

बुरा काम तूने किया है सुनैना,
ख़ुदारा हमारा चुराया जिया है।

मुझे प्यार से देख लो आज भी तो,
खड़ा सामने ये तुम्हारा पिया है।

ख़ुदा की रही ख़ूब "निर्दोष" मर्ज़ी,
वफ़ा का दिलों में जलाया दिया है।

- निर्दोष दीक्षित

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