सोमवार, 6 अक्तूबर 2014

श्री हनुमान जी के चरणों में

राम जहाँ हनुमान वहीं  भवसागर  तारण  हार  वही हैं


राम कृपा नित पात्र वही  नित जो हनुमंत दुआर वही हैं


काय महा छवि है जिनकी शिव शंकर के अवतार वही हैं


भक्त शिरोमणि राम सखा सम जीवन में करतार वही हैं

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