मंगलवार, 25 दिसंबर 2012

बड़ा दिन छोटी सी बात



चंद अल्फ़ाज़ के साथ क्रिसमस डे की ढेर सारी बधाई व शुभकामनाएं.... 

सैंटा के सब तोहफ़े, स्विस बैंक को जाएँ 
जाँच आयोग की बैठ हम ढपली ख़ूब बजाएं 

बड़ा दिन, बड़ी उम्मीद में, बड़ा हुआ है खेद 
तोहफ़ा बाँटन में सैंटा करैं, जात-धरम का भेद

हालत देख मुल्क़ की सैंटा,ज़ोर-ज़ोर से रोय 
झोली छोटी-मुँह बड़े, पूर कहाँ से होय..........

दिल बड़ा ना हो सका,दिन बड़ा हुआ तो क्या?
नारी का सम्मान रहे, दें सैंटा कौन दवा...??


लुटती इज़्ज़त देख कर, सैंटा गए चकराय
नारी का सम्मान बचे और कैसे हो अब न्याय
बीमार तन-बीमार तंत्र, कौन इसे सुलझाए
बहुत लगाया बुद्धि बल ना सूझे कोई उपाय
ना सूझे कोई उपाय, पड़ी उलझन थी ख़ासी
ना तो उम्रक़ैद में हल है ना ही हल है फांसी
कहें सैंटा नारियों, अब हिम्मत करो ज़रा सी
बन जाओ देवी कालिका, बन जाओ रानी झाँसी
उम्मीद तंत्र से छोड़ कर ख़ुद ही दे दो जवाब
नामर्द करे ना हिम्मत ऐसी,ना देखे ऐसा ख़्वाब




6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस उत्कृष्ट पोस्ट की चर्चा कल बुधवार के चर्चा मंच पर भी है | जरूर पधारें |
    सूचनार्थ |

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  2. बहुमुंखी प्रतिभा के धनी श्री निर्दोष जी को नमस्कार........

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  3. सादर, सप्रेम नमस्कार अशोक जी.... ब्लॉग आगमन पर आपका स्वागत, बहुत-बहुत धन्यवाद.

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