"राजनीतिक दल"
अलग सा इनका रंग है, अलग सी इनकी चाल
रैपर अलग है माना, अन्दर एक ही माल.....
___________________________________
''सियासी प्रतिस्पर्धा''
उसका घोटाला मेरे घोटाले से बड़ा क्यूँ है?
मैं 'गिर' गया, फिर वो साला खड़ा क्यूँ है?
________________________________
''मातृभूमि प्रेम''
नेता-अफ़सर मातृभूमि से, करते प्रेम अथाह
सोते-जगते, निश दिन करें, मात्र भूमि की चाह।
__________________________________
''सबसे बेहतरीन जवाब''
चोरी करो शान से, ख़ूब उड़ाओ माल......
जवाब देने लायक़ नहीं जो पूछे कोई सवाल"
_____________________________________
''अनेकता में एकता''
तुम भी नेता, हम भी नेता; है अपना एक स्वभाव ।
जितना देश तुम्हारा,मेरा;आओ मिल-बाँटकर खाओ।।
__________________________________________
''लोकतंत्र''लोकतंत्र में बन रहे जनता के सिरमौर।ऊँची कुर्सी पा रहे देखो कुर्सी चोर ।।
_______________________________
|
dhero subhkamnai avam badhaiya
जवाब देंहटाएंशुक्रिया दोस्त!!!
हटाएंअय्यासी में हैं रमे, रोम रोम हे राम |
जवाब देंहटाएंबने सियासी सोच से, सारे बिगड़े काम |
अय्यासी में हैं रमे, रोम रोम हे राम |
हटाएंबने सियासी सोच से, सारे बिगड़े काम |
सारे बिगड़े काम, मातृभू की सेवा ।
मंझा माफिया मिला, भूमि से करे कलेवा ।
कोयला खनि के बेंच, कहीं बालू की राशी ।
मिले यही पर स्वर्ग, मरे क्यूँ जाकर काशी ।।
बहुत बढ़िया रविकर जी.... धन्यवाद स्वीकारें.
हटाएंबेहतरीन रचना एवं अभिव्यक्ति के लिए आभार
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद आपका ललित जी.
हटाएंशानदार.
जवाब देंहटाएं